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गोसाईगंज सत्ता संग्राम की लड़ाई में जीत हार को लेकर प्रत्त्याशियो में उत्साह के साथ बनी असहज की स्थित ==================

गोसाईगंज सत्ता संग्राम की लड़ाई में जीत हार को लेकर प्रत्त्याशियो में उत्साह के साथ बनी असहज की स्थित
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अयोध्या- सत्ता संग्राम की लड़ाई में गोसाईगंज विधान सभा में किस पार्टी नेता के सिर सजेगा विधायकी का ताज राज जानने को राजनैतिक पुरोहितों को चुनाव में जीत हार का गुणा भाग लगाने में सिर चकरा रहा है।जिससे राजनीतिक मुनीम भी हैरान हैं।2017 के चुनाव में कुर्मी मतों के सहारे बैतरणी पार कर चुकी भाजपा इस बार 2022 का चुनाव निषाद वोटों के सहारे चुनाव जीत के लिए इतिहास दोहराने को बेताब हैं तो सपा के अभय सिंह भी 2012 के चुनाव का इतिहास 2022 में दोहराने की आस में हैं।परन्तु बसपा के राम सागर वर्मा दोनों बाहुबलियों के बीच हुई काटे की लड़ाई में अपनी जीत का दावा ठोक रहे है।जिससे चुनाव में जीत हार का आंकलन कर पाना बड़ा मुश्किल सा दिख रहा है।जिस तरह यादव मुस्लिम ठाकुर मत अभय सिंह के साथ बहुमत में खड़ा दिख रहा हैं।उसी तरह ब्राहमण निषाद बैश्य मत भाजपा प्रत्त्याशी आरती तिवारी के पक्ष में खड़ा दिखा।लेकिन अंतिम समय मे कुर्मी निषाद व दलित मतों में बड़ा धुर्वीकरण हुआ है। इसी के साथ बड़ी संख्या में दलों में क्रास वोटिंग भी हुई हैं। बसपा प्रत्त्याशी राम सागर वर्मा के साथ उनका स्वजातीय मत 50% उनके साथ बहुमत में खड़ा दिखा पर बिरादरी के अन्य लोग सपा भाजपा में डुबकी लगाने को लुका छिपी का खेल खेल रहे थे।मोस्ट बैकवर्ड मतों में सपा प्रत्त्याशी का बोलबाला दिखा पर भाजपा इन मतों को सहेजने व रोकने की रणनीतिकारों की फौज खड़ी की थी। दलित वोटो में भी धुर्वीकरण सपा भाजपा ने की हैं।इस बार मतदाता सूची से काफी संख्या में वोटरों का नाम गायब रहा जिससे उनमें रोष दिखा।सपा बसपा भाजपा प्रत्त्याशी यहां अपने को अभी जीता हुआ मान रहे है।जिससे तीनो खेमो में जीत को लेकर उत्साह के साथ असहज का माहौल बना हुआ है।

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